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भा.कृ.अनु.प. से प्राप्त अधिसूचना के अनुसार दिनांक 16-31 दिसंबर 2018 से स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है । कार्यक्रम कैलेंडर के अनुसार यारी रोड परिसर में स्थित टाइप IV तथा टाइप V अवासीय परिसर में दिनांक 16 दिसंबर 2018 को स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया । टाइप IV तथा टाइप V में रहने वाले सभी अधिकारी/कर्मचारी 11.00 बजे अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह के सामने एकत्रित हुए, संस्थान के निदेशक/कुलपति डा गोपाल कृष्णा जी ने एकत्रित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वच्छता पर प्रतिज्ञा दिलाई, इसके बाद कार्यालय तथा परिसर में सफाई के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा की गई । इसके अलावा, इस बात पर जोर दिया गया कि कार्यालय तथा परिसर में उपयुक्त रणनीति का पालन कर शुष्क और गीले अपशिष्ट के निपटान को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है । स्वच्छता पखवाड़े के महत्व को प्रदर्शित करने वाले सूचनात्मक प्लेकार्ड और बैनर उचित स्थानों पर रखे गए थे । इसके बाद टाइप IV तथा टाइप V के आवासीय परिसर में सफाई अभियान शुरु किया गया, जिसमें सभी ने सक्रिय रुप से भाग लिया । डा बी बी नायक, डा एन एस नागपुरे तथा डा पारोमिता बी सावंत ने भा.कृ.अनु.प.- के.मा.शि.सं. मुंबई के आवासीय परिसर में स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए सक्रिय रुप से समन्वयन किया ।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान की प्रयोगशालाओं, विभागों और दफ्फतरों इत्यादि में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान का नेतृत्व विभागाध्यक्षों और प्रभागि अधिकारीयों ने किया। इस अभियान में विभाग के सभी कर्मचारियों छात्रों ने भी अपना योगदान दिया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. संस्थान के कर्मचारियों द्वारा वरसोवा गांव और लैंडिंग केंद्र में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान का नेतृत्व श्री अंगोम लेनिन सिंह, श्री धलोगसिह रैंग, श्रीमती रेश्मा राजे ने किया। इस अभियान में कर्मचारियों के साथ गांव के लोगों ने भी अपना योगदान दिया। सबने बड़ी मेहनत और उत्साह से सूखी मछली, टूटी और अनुपयोगी सामाग्री, पानी का जमाव, आदि साफ़ किया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. संस्थान के कर्मचारियों और छात्रों द्वारा वर्सोवा समुद्र तट पर सफाई अभियान किया गया। उन्होंने पोस्टरों और स्लोगनों द्वारा स्वच्छता के महत्व की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। सभी बच्चों ने वर्सोवा समुद्र तट की सफ़ाई की और कूड़ा नगरपालिका के कूड़े दानो में एकत्रित किया। इस अभियान का नेतृत्व डा ए. के. बालंगे, da. डा. आशुतोष देव, डा. मार्टिन ज़ेवियर और श्री शशीभूषण ने किया। एम.एफ.एस.सी. प्रथम वर्ष छात्रों ने इसमें भाग लिया। अन्य वैज्ञानिकों ने भी इस अभियान में भाग लिया और इस अभियान को सफल बनाया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान वर्मीकंपोस्टिंग सुविधा का उद्धघाटन किया गया और साथ ही कंपोस्टिंग सुविधा का निरीक्षण भी किया गया। वर्मीकंपोस्टिंग अभियान द्वारा भविष्य में परिसर स्थित सभी पेड़ो को पौष्टिक खाद मिलेगी। इस अभियान का नेतृत्व डा. एम. एच. चंद्रकांत और श्री प्रणय बिस्वाल ने किया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान (सात बंगला परिसर) के युवक छात्रावास में सफ़ाई अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व डा ए. के. बालंगे, श्रीमान प्रसन्नजीत सोनवणे, श्रीमान योगेश जाधव ने किया और संबंधित छात्रों ने भी भाग लिया। इस अभियान में छात्रों ने छात्रावास के परिसर में सफाई की और प्लास्टिक बैग, बोतलें और अन्य व्यर्थ सामान को एकत्रित करके कूड़ा कूड़े दानो में एकत्रित किया जिससे पूरा परिसर स्वच्छ और सुन्दर दिखाई दे रहा था।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान के समस्त छात्र-छात्राओं के लिए निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी। इस प्रतियोगिता के विषय: (1) अपशिष्टहीन चुनौती के लिए रचनात्मक विचार (2) स्वच्छता हम सभी की ज़िम्मेदारी (3) प्रदूषण का प्रभाव और पर्यावरणीय प्रदूषण से बचने के उपाय (4) प्रदूषण से जैव विविधता को खतरा । इस प्रतियोगिता का आयोजन डा. एस. एन. ओझा, श्रीमती. हुस्ने बानू एवं श्री. पी. के. दास ने किया और इस प्रतियोगिता को सफल बनाया। निर्णायक मंडली ने निबंधों की जांच की और 3 सर्वश्रेष्ठ निबंधों का चयन किया।
कें. मा. शि. सं. संस्थान में किसान दिवस के अवसर पर दिनांक 8 दिसंबर २०१८ को संगोष्ठी आयोजित की गयी। इस अवसर पर किसानो के लिए आंतरस्थलीय लवणीय जलकृषि विषय पर व्याख्यान दिया गया। कुछ किसानो ने भी इस विषय पर अनुभव और विचार प्रकट किये। दिनांक 23 दिसंबर को संस्थान के काकीनाड़ा केंद्र में किसान संगोष्ठी आयोजित की गयी थी जो साइक्लोन फेठाई के कारण रद्द करनी पड़ी। काकीनाड़ा संगोष्ठी का आयोजन डा. मुरलीधर अंडे, डा. अरुण शर्मा, डा. टी. आई. चानु ने किया था जो कि आखरी क्षण रद्द करना पड़ा ।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान के आसपास के परिसर में स्वच्छता अभियान किया गया। इस अभियान का नेतृत्व डा. आशुतोष देव, डॉ रूपम शर्मा, सिकेन्द्र कुमार और श्री.मनीष जयंत ने किया और संस्थान के सभी छात्र भी इस अभियान में शामिल हुए। छात्रों ने स्वच्छता के महत्व और कचरे को कम करने के तरीकों के बारे में ऑटो चालकों, सड़क के किनारे के विक्रेताओं और अतिचारियों को भी जागरूक किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है।
सस्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान (यारी रोड परिसर) के युवक छात्रावास में सफ़ाई अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व डा. रूपम शर्मा श्री. सादिक मुल्ला ने किया और निवासी छात्र ने भी भाग लिया। इस अभियान में छात्रों ने छात्रावास के परिसर में सफाई की और प्लास्टिक बैग, बोतलें और अन्य व्यर्थ सामान को एकत्रित करके कूड़ा कूड़े दानो में एकत्रित किया जिससे पूरा परिसर स्वच्छ और सुन्दर दिखाई दे रहा था।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान के कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्वच्छता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता रखी गयी, जिसमे बच्चों ने उत्साह से भाग लिया। यह प्रतियोगिता का आयोजन डा. पारोमिता सावंत, श्री. एस. के. शर्मा, श्रीमान. दीपक खोगरे और श्रीमती रेखा नायर के देखरेख में हुई। सभी बच्चों ने अपने चित्रों में इंद्रधनुषीय रंग बिखेर कर प्रतियोगिता को सफल बनाया। निर्णायक मंडली ने सर्वश्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया।
संस्थान के जलकृषि हेचरी/ वेट लैब में सफाई अभियान किया गया। इसके समन्वयक डा॰ एन के चडढा थे। इस अभियान का आयोजन डा. किरण दुबे, डा॰ बबिता रानी, श्रीमती माधुरी पाठक और डा॰ के डी राजू ने किया। जल संवर्धन विभाग के अन्य वैज्ञानिको और तकनीकी अफ़सरों के साथ मिलकर छात्रों ने बड़े जोश से सफ़ाई की। इस अभियान द्वारा जलकृषि हेचरी परिसर स्वच्छ एवं सुन्दर बनाया गया ।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान के यारी रोड परिसर और सात बंगला परिसर के जलपान गृह में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान का नेतृत्व डा. के. पानी प्रसाद, डा. कुंदन कुमार ने किया और जलपान गृह के कर्मचारियों ने भी इसमें भाग लिया। इस अभियान से जलपान गृह स्वच्छ और सुन्दर दिखाई दे रहा था।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. सं. संस्थान के कर्मचारी आवास (सात बंगला परिसर) में सफाई अभियान किया गया । इस अभियान का नेतृत्व डा. गिरीश बाबू, श्री. एस. बांदकर एवं श्री. प्रसेनजित सोनावने ने किया । डा. पवन कुमार, डा. शामना एन., श्री. योगेश जाधव, श्री. पवन कुमार, श्री. सादिक मुल्ला, और अन्य लोगों ने भी इसमें भाग लिया।
समहिला छात्रावास (यारी रोड परिसर) में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान में छात्रावास में रहने वाली सभी लड़कियां शामिल हुईं। इस अभियान में छात्राओं ने छात्रावास और उसके आस पास सफाई की और सूखे पत्ते, प्लास्टिक बोतलें और अन्य व्यर्थ सामान को एकत्रित करके कूड़ेदान में फेंका। इस सफाई अभियान का निरीक्षण डा. गायत्री त्रिपाठी और डा. एल. मंजूषा ने किया और छात्रों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ सफाई में भी हाथ बटाया।
कें. मा. शि. सं. में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत संस्थान के परिसर को हरित व आकर्षक बनाने हेतु पखवाड़े के अंतिम दिवस वृक्षारोपण का आयोजन किया गया और सराका अशोका के पेड़ लगाए गए। डा. चंद्रकांत और श्री प्रणय बिस्वाल ने संस्थान के निदेशक डा. गोपाल कृष्ण एवं अन्य वैज्ञानिकों से वृक्षारोपण करवाया।
Kolkata Centre of Central Institute of Fisheries Education successfully observed “Swachchha Bharat Pakhwada” during 16th December to 31st December, 2018. All scientists, staff, students, and trainees have participated in the programme wholeheartedly by taking oath on Swachchha Bharat on 15th December, 2018 at 11.00 am under the leadership of Dr. G. H. Pailan, Officer in Charge, ICAR-CIFE Kolkata Centre.
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान और सभी केंद्रो पर समस्त कर्मचारी एवं छात्रों ने स्वच्छता के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए शपथ ली। मुंबई केंद्र में संस्थान के अधिष्ठाता डा. एन. पी. साहू ने सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई। समस्त कर्मचारियों ने मिलकर १ घंटा संस्थान के परिसर की साफ़ सफाई की जिसमें करीब 200 व्यक्तियों ने भाग लिया । इस अवसर पर परिसर में नए कूड़ेदान भी रखे गए और स्वच्छता के बैनर लगाए गए। पखवाड़े की समन्वयक डा. अपर्णा चौधरी ने आने वाले १५ दिनों के पखवाड़े के कार्यक्रम की रुपरेखा सबको बताई। ये कार्यक्रम संस्थान के निदेशक डा. गोपाल कृष्ण की देखरेख में निर्धारित किया गया और उन्होंने सबसे उत्साहपूर्वक भाग लेने को कहा। इसी अवसर पर छात्रों की भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी जिसमे छात्रों ने स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक उपयोग के हानिकारक परिणाम एवं विकल्पों पर भाषण दिए। कई छात्रों ने इस बात पर चर्चा की कि व्यक्तिगत विकल्पों से हम किस तरह समाज में बदलाव ला सकते है। भाषण प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों में से पहले ३ प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया। करीब 300 व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित थे । प्रथम पुरस्कार श्री मुकेश कुमार, द्वितीय कु. शुभरा सिंह एवं तृतीय श्री शुभम सिंह ने जीता ।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत लड़कों के छत्रपति शिवाजी छात्रावास (सात बंगला परिसर) में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान में छात्रावास में रहने वाले एम.एफ.एस.सी और पी.एच.डी. छात्रों को शामिल किया गया । इस अभियान में छात्रों ने छात्रावास के परिसर में सफाई की और प्लास्टिक बैग, बोतलें और अन्य व्यर्थ सामान को एकत्रित करके क्षेत्र की सफाई की। इस अभियान का नेतृत्व उप-वार्डन डा. ए. के. बलंगे और छात्र आयोजकों श्री अतुल मुरगन, श्री. रमजानुल हकीक़, श्री. राजेश दास, श्री. फिबी फिलिप्स ने किया । लगभग 150 छात्रों और छात्रावास के कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में अपना भरपूर योगदान दिया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में छात्रों और कर्मचारियों के लिए स्लोगन और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता रखी गयी। इस प्रतियोगिता के विषय थे स्वच्छता में हमारा योगदान, स्वच्छता के लाभ, जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक उपयोग के हानिकारक परिणाम एवं विकल्प आदि । इस आयोजन का नेतृत्व डा. विद्याश्री भारती, डा. मुजाहिद खान पठान और सुश्री रेशमा राजे ने किया। छात्र आयोजकों, सुश्री अनिशा वी., सुश्री जेरुशा एस, श्री उत्सा रॉय और श्री चिन्मय नंदा ने भी अपना योगदान दिया। इस प्रतियोगिता में २५ छात्र एवं कर्मचारियों ने भाग लिया और रंग बिरंगे पोस्टरों और प्रभावी स्लोगनों से कार्यक्रम को सफ़ल बनाया। पोस्टरों को पुस्तकालय में प्रदर्शित किया गया और ३ श्रेष्ठ पोस्टरों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत छात्रों के नाम श्री आकाश जे एस, कु अनिशा वी एवं श्री देवेंद्र रावराने हैं ।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान की अत्यंत ही महत्वपूर्ण जल संवर्धन (मछली पालन) प्रयोगशाला में स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग ७० छात्रों एवं वैज्ञानिकों ने भाग लिया। सबने बड़ी मेहनत और उत्साह से सूखे पत्ते, टूटी और अनुपयोगी सामाग्री, पानी का जमाव, आदि साफ़ किया। इस अभियान का नेतृत्व कें. मा. शि. सं. के वैज्ञानिकों, डा. कुंदन कुमार, डा. सिकेंद्र कुमार और सुश्री रथी भुबनेश्वरी ने किया। डॉ अपर्णा चौधरी, डॉ स्वदेश प्रकाश और श्री प्रणय बिसवाल और अन्य कर्मचारियों ने भी भरपूर योगदान दिया । इस अभियान में सारे छात्रों ने अपने योगदान से प्रयोगशाला की सफाई में चारचांद लगा दिए।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान के प्रशासनिक विभाग में सफाई अभियान का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व श्री महेश खुबड़ीकर (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी) एवं श्री प्रशांत शर्मा (चीफ वित्त एवं लेखा अधिकारी) ने किया। साथ ही सभी वर्क्स अनुभाग, खरीदारी अनुभाग, वित्त अनुभाग, लेखा परीक्षा अनुभाग के सारे कर्मचारियों ने भी इसमें अपना सहयोग दिया और अपने अपने कार्य क्षेत्र की सफाई की । इस आयोजन में लगभग ७० लोगो ने सहभाग लिया। इस आयोजन में सभी ने अपनी मेज़ें और आसपास की जगह साफ़ की और फाईले साफ़ कर उनका रख रखाव उचित ढंग से किया । व्यर्थ सामान को भी अलग जगह एकत्रित किया गया जिससे कामकाजी जगह उपलब्ध हो पायी।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत महिला छात्रावास (यारी रोड परिसर) में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान में छात्रावास में रहने वाली सभी लड़कियां शामिल हुईं और लगभग ५० छात्राओं ने सहभाग लिया। निदेशक महोदय की धर्मपत्नी डा. सुजाता सक्सेना ने सफाई अभियान का निरीक्षण किया और छात्रों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ सफाई में भी हाथ बटाया। इस अभियान में छात्राओं ने छात्रावास और उसके आस पास सफाई की और सूखे पत्ते, प्लास्टिक बोतलें और अन्य व्यर्थ सामान को एकत्रित करके कूड़ेदान में फेंका । इस अभियान का नेतृत्व महिला छात्रावास वार्डन डा. गायत्री त्रिपाठी और उपवार्डन सुश्री मंजुशा ने किया। छात्र आयोजकों (सुश्री. नरेंद्र कौर, सुश्री. धन्या लाल, सुश्री. सोनल सुमन, सुश्री. भारथि रथिनाम) के साथ मिलकर सभी ने अपना योगदान दिया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कर्मचारियों के लिए इस विषय पर भाषण और कविता प्रतियोगिता रखी गयी। इस प्रतियोगिता का आयोजन संस्थान के समिती कक्ष में रखा गया जिसमें १६ प्रतिभागी थे और लगभग ५० लोग उपस्थित थे । इसका आयोजन डा. गीतांजलि देशमुखे, श्रीमती हुस्ने बानू और सुश्री. रेवती धोगड़े ने किया। इस प्रतियोगिता में ‘स्वच्छता अभियान की सफलता’ एवं ‘प्लास्टिक – भ्रह्मराक्षस’ इन दो विषयों पर भाषण एवं कवितायें प्रस्तुत की गईं। निर्णायक मंडली ने तीन सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्वच्छता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता रखी गयी। जिसमे कर्मचारियों के लगभग २० बच्चों ने भाग लिया। यह प्रतियोगिता डा. एन. पी. साहू, विभागाध्यक्ष के देखरेख में हुई। इस प्रतियोगिता का आयोजन डा. एस. एन. ओझा, श्री. एस. के. शर्मा, श्री. पी के दास, श्रीमान. दीपक खोगरे, श्री. भुम्मैया दसारी ने किया और छात्र आयोजकगण में सुश्री. नज़ाइबा मोहम्मद, सुश्री. भारथि रथिनाम,श्री संमित प्रियदर्शि, श्री सुतानु कर्माकर ने अपना सहयोग दिया। यह प्रतियोगिता ३-९ वर्ष और १०-२० आयु वर्ग में की गयी। इसके विषय:- 1. मछली जल की रानी 2. नीली क्रांति 3. प्राकृतिक आपदा और मात्स्यिकी 4. स्वच्छता अभियान थे। सभी बच्चों ने अपने चित्रों में इंद्रधनुषीय रंग बिखेर कर प्रतियोगिता को सफल बनाया। निर्णायक मंडली ने सर्वश्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत युवक के नये छात्रावास में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान में छात्रावास में रहने वाले पी.एच.डी. छात्रों को शामिल किया गया । इस अभियान में छात्रों ने छात्रावास के परिसर में सफाई की और प्लास्टिक बैग, बोतलें, सूखी पत्तियाँ और अन्य व्यर्थ सामान को एकत्रित करके क्षेत्र की सफाई की जिससे पूरा परिसर स्वच्छ और सूंदर दिखाई दे रहा था। इस अभियान का नेतृत्व वार्डन डा. एन एस नगपुरे, उपवार्डन डा. रूपम शर्मा ने किया और छात्र आयोजकों शिवगुरुथन यू., श्री. चंदन हलदर, श्री. वेलुमानी टी. और श्री. प्रसंथा जाना ने सहयोग दिया । लगभग 30 छात्रों ने इसमें भाग लिया और अपना भरपूर योगदान दिया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत वरसोवा वेलफेयर स्कूल के युवती छात्राओं के लिए दो विषयो पर व्याख्यान आयोजित किए गए । व्याखान के विषय थे (1) व्यक्तिगत स्वच्छता अधिनियम, (2) मछली लैंडिग केन्द्र में स्वच्छता की परिभाषाएं । संस्थान की वैज्ञानिक डा. पारोमिता बी. सावंत और डा. मंजूषा एल. ने इन विषयों पर वक्तव्य दिये । व्यक्तिगत स्वच्छता एक अनिवार्य आवश्यकता है, खासकर युवती छात्राओं के लिए जिनको बढ़ती उमर के साथ साथ कई शारीरिक एवं मानसिक कठिनाइओं का सामना करना पड़ता है। इस संदर्भ में डा. पारोमिता बॅनर्जी सावंत ने वरसोवा वेलफेयर स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्राओं को जागरूक किया। इसके पश्चात डा. मंजूषा ने लैंडिंग केंद्र में स्वच्छता कायम रखने के तौर तरीके बताए एवं जिवाणु दूषण के कारण पर भी प्रकाश डाला। करीब 100 बच्चों ने इस कार्यक्रम से लाभ उठाया और पाठशाला की प्रधानाचार्या ने संस्थान की इस पहल को बहुत सराहा ।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान के समस्त वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं के लिएनिबंध प्रतियोगिता आयोजितकीगयी।इस प्रतियोगिता के विषय थे – (1) जलवायु परिवर्तन का मात्स्यिकी पर प्रभाव (2) स्वच्छ और सुंदर भारत (3) प्रभारी नेतृत्व (4) सोशल मिडिया का जन-जीवन पर प्रभाव (5) लोक प्रशासन में पारदर्शिता का महत्व। इस प्रतियोगिता का आयोजन डा. अर्पिता शर्मा, श्रीमती नलिनी पुजारी, सुश्री रेवती धोंगडे एवं श्रीमती अनु ग्रोवर ने किया। इस प्रतियोगिता में लगभग १० प्रतियोगिताओं ने भाग लिया और इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत स्वच्छता का संदेश फ़ैलाने हेतु संस्थान के छात्रों ने संस्थान से वरसोवा समुद्र तट तक मार्च किया और स्लोगन और पोस्टर द्वारा स्वच्छता के महत्व की बात लोगों तक पहुंचाई। वरसोवा तट पर उन्होंने सफाई अभियान चलाया और प्लास्टिक बैग, बोतलें जैसा कूड़ा एकत्रित करके कूड़ेदानों में फेंका। इस मार्च समूह के समन्वयक डा. मुकुंदा गोस्वामी, डा. मेघा बेडेकर, श्री. शशिभूषण, श्री. अंगोम लेनिन सिंह ने किया। इसी के साथ छात्र आयोजक गण में सुश्री शोभा रावत, श्री. चुनरी सथिस श्री. अबुथगीर एस, सुश्री भारथि रथिनाम ने भी अपना योगदान दिया । लगभग 50 स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों ने भाग लिया। गणपति विसर्जन के पश्चात तट पर विविध प्रकार का कूड़ा और गन्दगी जमा हो जाती है। इसीलिए यह कार्यक्रम विसर्जन के बाद रखा गया। छात्रों को मोर्चा निकलते हुए करीब 200 लोगों ने देखा और विभिन्न स्लोगनों के ज़रिये उन में भी सफाई के प्रति ज़िम्मेदारी का बोध उत्पन्न किया गया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत के. मा. शि. संस्थान के जलकृषि हेचरी/ वेट लैब में सफाई अभियान किया गया। इसके समन्वयक डा॰ एन के चडढा थे। जल संवर्धन विभाग के अन्य वैग्यानिकों और तकनीकी अफ़सरों के साथ मिलकर छात्रों ने बड़े जोश से सफ़ाई की। छात्र आयोजकों में श्रीमान मनमोहन कुमार और सुश्री नहिदा रशीद थे जिनके साथ कई छात्रों ने भी अपना सहयोग दिया। इस अभियान द्वारा जलकृषि हेचरी परिसर स्वच्छ एवं सुन्दर बनाया गया ।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान के बेसमेंट में और परिसर की दीवार के आस-पास स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसका नेतृत्व डा. स्वदेश प्रकाश एवं डा. चंद्रकांत एम्. एच. ने किया। सहयोगियों में श्री सागर सावंत, श्री देवेंद्र रावराने और अन्य कर्मचारी शामिल थे । बेसमेंट में नीलामी के लिए एकत्रित की गयी और अन्य पुरानी वस्तुएँ रखी जाती हैं। इन्हें साफ कर के ठीक से रखा गया। इसी प्रकार परिसर की दीवार के पास बाहर के लोगों द्वारा फेंका हुआ कूड़ा, कागज़, रैपर, बोतलें, इत्यादि, एकत्रित हो जाता है जिसे उठा कर कूड़ेदानों में फेंका गया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान के अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह और डॉल्फिन अतिथि गृह में स्वच्छता अभियान किया गया। इसका नेतृत्व श्री शुभाष चंद (प्रभारी अधिकारी), श्री योगेश जाधव और श्री प्रसेनजित सोनावणे तकनीकी अधिकारियों ने किया। अन्य कर्मचारियों ने अपना सहयोग दिया। सारा कूड़ा, सूखे पत्ते, प्लास्टिक बैग, बोतलें, इत्यादि एकत्रित करके कूड़ेदानों में फेंका गया। इसके फलस्वरूप दोनों अतिथि ग्रह साफ सुथरे हो गए। इस कार्यक्रम में लगभग 20 लोगों ने भाग लिया।
महात्मा गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2018 को संस्थान में बापू के जन्म के १५०वें वर्ष के आरंभ पर स्मरणोत्सव मनाया गया। यह कार्यक्रम संस्थान के निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण की देख रेख में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री परमजीत सिंह उपस्थित थे, जो कि भारतीय आयकर विभाग में कमिश्नर होने के साथ साथ एक समाजसेवी संघटन ‘धर्म भारती मिशन’ के संस्थापक भी हैं। शुरुवात में स्वच्छता पखवाड़े की समन्वयक डा. अपर्णा चौधरी ने सबका स्वागत किया और इस महत्वपूर्ण अवसर एवं स्वच्छ्ता पखवाड़े के समापन समारोह पर सबको बधाई दी। उन्होंने पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित कार्यकर्मो का ब्योरा दिया और भरपूर योगदान देने के लिए सबका धन्यवाद् किया। साथ ही डॉ कुन्दन कुमार और डॉ सिकेन्द्र कुमार को प्रथम और डॉ परोमिता सावंत और डॉ मंजूषा एल को द्वितय आयोजक पुरस्कार मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर महात्मा गांधी के सामाजिक - आर्थिक विचारों पर डा. एस. एन. ओझा (विभागाध्यक्ष, प्रसार विभाग) ने रोचक वक्तव्य दिया जिसमें यह भी चर्चा की गयी कि अहिंसा के मूल्य का मौजूदा परिवेश में कैसे प्रयोग हो सकता है । मुख्य अतिथि ने अपनी गैर-सरकारी संस्था ‘धर्म भारती मिशन’ के कार्यकर्मो का उल्लेख किया और छात्रों को उत्साहित किया कि वे अपनी निजी छोटी-छोटी परेशानियों से उठकर समाज में अपनी ज़िम्मेदारियों को पहचानें और सामाजिक बराबरी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ कदम उठायेँ। संस्थान के निदेशक डा. गोपाल कृष्णा ने समस्त कर्मचारियों को और छात्रों को बधाई दी और आशा जताई की वे संपूर्ण निष्ठा एवं समाजिक समर्पण के भाव से अपना कार्य करेंगे और स्वच्छता की ओर निजी ज़िम्मेदारी हमेशा निभाएंगे। डा. पारोमिता सावंत ने कर्णप्रिय स्वर में गांधीजी का प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो' प्रस्तुत किया और संस्थान के छात्रों ने भी एक भजन गाया। के. मा. शि. संस्थान के छात्रों द्वारा उत्तम लघुनाटिका का मंचन भी हुआ। आने वाला वर्ष महात्मा गांधीजी का १५०वा जन्मवर्ष है और इस अवसर पर विशेष चिन्ह बनाया गया है। इस चिन्ह को कार्यालय की स्टेशनरी पर अंकित किया गया और इसका विमोचन किया गया। निदेशक अवं अन्य विभागध्यक्षों ने इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया। इस कार्यक्रम में आस पास के स्कूलों एवं मच्छीमार संघ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
Staff and students of CIFE and its Centres participated in the Swachhata Hi Seva campaign organized by ICAR institutes during 11th Sep to 2nd Oct 2019. This time the focus of the campaign was reducing the use of single-use plastic officially and personally. Further the objective was to promote recycling of plastic waste to produce artifacts of long term use. In order to achieve this objective, the Institute issued the circular banning the use of disposable water bottles, plates, spoons, etc. for all official meetings and functions. Various competitions were organized in which the students and staff created banners, posters and slogans to reduce, re-use and re-cycle plastics. A monthly plastic collection drive was announced for staff and students and monthly lucky draw prizes are given to participants to promote plastic re-cycling. The Institute has tied up with the NGO Sampoorna Earth Foundation to re-cycle the collected plastic waste. The students marched in the neighborhood with banners to spread awareness and carried out Cleanliness Drives at Versova Beach and Versova Landing Centre. A plantation drive was also held. Faculty members of CIFE delivered lectures at a neighbouring municipal school where they highlighted the ill-effects of plastic waste on aquatic life and interacted with students on the ways by which plastic pollution can be checked. A Matsyakala Workshop was organized, wherein the participants who were post-graduate students of J. J. School of Arts, Mumbai made ‘Plastic Pollution’ one of the themes of their paintings. The program ended with special event organized on 2nd October 2019 to celebrate 150th year of Mahatma Gandhi. Students sang Mahatma Gandhi’s favourite bhajans and performed a skit, after which everyone participated in a Campus cleaning and plantation drive. The Director, Dr. Gopal Krishna distributed jute bags among staff and students who pledged to continue their commitment to cleanliness and reduce, reuse and recycle plastic.
स्वच्छता पखवाड़े का आरंभ करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ गोपाल कृष्णा ने समस्त कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और संस्थान के केन्द्रों पर भी अधिकारियों ने सभी कर्मचारियों को स्वच्छ्ता कि शपथ दिलाई और वृक्षारोपण किया। डॉ गोपाल कृष्णा ने समस्त कर्मचारियों को बताया कि कोविड महामारी से बचने में सफ़ाई का बड़ा महत्व है और इसे जीवन में अपनाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त सिंगल यूस प्लास्टिक के बहुत दुष्परिणाम हैं और इसका प्रयोग न्यूनतम रखने में सब अपना योगदान दें । उन्होनें इस बात पे ज़ोर दिया कि निवासो और छात्रावासों में शुष्क और गीले अपशिष्टों को पृथक रखने का सिलसिला जारी रखा जाये। इस अवसर पर स्वच्छता सम्बन्धी बैनर प्रदर्शित किए गए। स्वच्छता पखवाड़े की समन्वयक डा. अपर्णा चौधरी ने पखवाड़े के कार्यक्रम से सबको अवगत कराया। संस्थान और केंद्र मिला कर लगभग 1000 लोगों ने शपथ ली ।
स्वच्छता पखवाड़े का आरंभ करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ गोपाल कृष्णा ने समस्त कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और संस्थान के केन्द्रों पर भी अधिकारियों ने सभी कर्मचारियों को स्वच्छ्ता कि शपथ दिलाई और वृक्षारोपण किया। डॉ गोपाल कृष्णा ने समस्त कर्मचारियों को बताया कि कोविड महामारी से बचने में सफ़ाई का बड़ा महत्व है और इसे जीवन में अपनाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त सिंगल यूस प्लास्टिक के बहुत दुष्परिणाम हैं और इसका प्रयोग न्यूनतम रखने में सब अपना योगदान दें । उन्होनें इस बात पे ज़ोर दिया कि निवासो और छात्रावासों में शुष्क और गीले अपशिष्टों को पृथक रखने का सिलसिला जारी रखा जाये। इस अवसर पर स्वच्छता सम्बन्धी बैनर प्रदर्शित किए गए। स्वच्छता पखवाड़े की समन्वयक डा. अपर्णा चौधरी ने पखवाड़े के कार्यक्रम से सबको अवगत कराया। संस्थान और केंद्र मिला कर लगभग 1000 लोगों ने शपथ ली ।
के. मा. शि. स. मे दिनांक 18 दिसंबर 2020 को संस्थान के केंद्रों में ‘मेरा गाँव मेरा गौरव’ कार्यक्रम के तहत स्वच्छता सम्बंधित आयोजन किये गए । कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छता, शारीरिक दूरी, और मास्क के उपयोग के प्रति जागरूक करना था, जिससे COVID-19 महामारी से निपटा जा सके। इस कार्यक्रम मे ग्रामीणों को फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र दिए गए। उनके घर और पड़ोस के क्षेत्र को भी स्प्रेयर से साफ किया गया था। स्वच्छ्ता अभियान को लेकर एक जागरूकता रैली भी निकाली गई। इस रैली मे स्कूल के छात्रों ने भी अपना योगदान दिया। यह कार्यक्रम कोविड प्रोटोकॉल के नियमों को ध्यान मे रखते हुए आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का समन्वय के. मा. शि. स. केंद्रों के प्रभारी डॉ. जी. एच. पाइलन, डॉ. मुरलीधर पी. ए., डॉ. सुनील कुमार नायक और डॉ अकलाकुर ने किया। इस अभियान से संस्थान और केंद्र मिला कर लगभग 2000 लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए ।
संस्थान के छात्रावास, आवासीय परिसर और अतिथि गृह में स्वच्छता अभियान किया गया। आवासीय परिसर में रहने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी के साथ परिसर में सफाई के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा की गई। इसके अलावा, इस बात पर ज़ोर दिया गया कि कार्यालय तथा परिसर में उपयुक्त रणनीति का पालन कर शुष्क और गीले अपशिष्ट के निपटान को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। छात्रावास, आवासीय परिसर और अतिथि गृह में स्वच्छता के महत्व को प्रदर्शित करने वाले सूचनात्मक प्लेकार्ड और बैनर उचित स्थानों पर रखे गए। इसके बाद आवासीय परिसर में सफाई अभियान शुरु किया गया, जिसमें लगभग 100 लोगो ने सक्रिय रुप से भाग लिया। डा. रूपम शर्मा, डा. गायत्री त्रिपाठी, डा. आशा लांडगे, डा. शशि भूषण, डा. लायना पी, ने इस अभियान का आयोजन किया और श्री शुभाष चंद, श्री सादिक मुल्ला, श्री प्रणय बिस्वाल और श्री पी. सोनावणे ने अपना सहयोग दिया।
संस्थान में अपराहन २ बजे पानी की बचत और अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण के बारे में जागरूकता अभियान के तहत ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे डा. ए. के. वर्मा द्वारा एक्वापोनिक्स: मछली और पौधों का एकीकरण और डा. एस. पी. शुक्ला द्वारा क्षारीय उत्पादन के लिए एक्वाकल्चर अपशिष्ट जल का उपयोग और पुनर्चक्रण में अपना वक़्तव्य दिया। यह बताया गया कि पानी को कम से कम प्रयोग में लेकर ज्यादा से ज्यादा मछली एवं पौधों का उत्पादन कैसे किया जाये जिससे किसान अपनी आय बढ़ा सकता है। इस कार्यक्रम में एन. ई. एस. रत्नम कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स, भाँडुप, मुंबई, गुरु नानक खालसा कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स, माटुंगा पूर्व, मुंबई और सर सीताराम और लेडी शांताबाई पाटकर कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, एस. वी. रोड, गोरेगांव (पश्चिम), मुंबई के विद्यार्थी एवं अध्यापको ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का यु-टुब के जरिये लाइव प्रसारण भी किया गया और कुल 100 लोगों ने भाग लिया।
संस्थान में शाम ४:०० बजे “अनुपयोगी से उपयोगी" विषय पर एक ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया गया। इस वेबिनार में (Sampurn Earth Solutions Pvt. Ltd.) सम्पूर्ण पृथ्वी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के श्री. मनोज मिश्रा, ने व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया की किस तरह की बेकार वस्तुओं को पुनः चक्रण करके उपयोगी वस्तुएं बनायी जा सकती हैं और प्रत्येक व्यक्ति किस प्रकार इस प्रक्रिया में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने संस्थान के छात्र और कर्मचारियों को अनुपयोगी सामग्री को उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया और इसके तरीके बताये। कुल 100 लोगों ने भाग लिया।
संस्थान के पवारखेड़ा केंद्र में किसान दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में आसपास के गाँव मे जाकर लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे मे जागृत किया गया। “मेरा गाँव मेरा गौरव योजना” के अंतर्गत गोद लिए गए नीटाया गाँव मे किसान दिवस के अवसर पर एक सम्मेलन किया गया, जिसमे गाँव के सरपंच और उपस्थित लगभग 50 किसानों को भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे मे जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम मे ग्राम पंचायत नीटाया की सरपंच श्रीमति पटेल और सचिव श्री रामाधार मालवीय ने किसानो को सरकार द्वारा दी गयी योजनाओं के बारे मे बताया। इसी कार्यक्रम मे पवारखेड़ा केंद्र, होशंगाबाद के प्रभारी अधिकारी डा. एस. के. नायक, श्री एल. पी. बमलिया, श्री हसन जावेद एव श्रीमती आशा धुरवे ने उपस्थित किसानों को स्वच्छता के महत्व के बारे मे और मत्स्य पालन की आधुनिक पद्धति जैसे बायोफ़्लाक और आर. ए. एस., के बारे मे जानकारी दी। स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत पवारखेड़ा केंद्र द्वारा किसानो को मास्क एव सैनिटाइजर वितरित किये गए। इस कार्यक्रम के उपरांत ग्राम नीटाया की गलियों, सड़कों, मंदिर परिसर, आंगनबाड़ी एव पंचायत भवन परिसर मे केंद्र के समस्त अधिकारियों एव कर्मचारियों द्वारा सफाई करने के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया।
संस्थान के कर्मचारियों द्वारा वरसोवा गांव में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का नेतृत्व डा सिकेंद्र कुमार, श्री आबुथागीर इब्राहिम और श्री पवन कुमार ने किया। संस्थान के अन्य कर्मचारियों ने भी इस अभियान में भाग लिया और संस्थान से वेर्सोवा गाँव लैंडिंग सेंटर तक की 2 km की दूरी तक मार्च किया । अभियान के दौरान विभिन्न पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए गए। शुष्क और गीले अपशिष्ट को रखने के लिए अलग-अलग कूड़ादान के उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। मार्च में 20 CIFE कर्मचारियों ने भाग लिया और इस अभियान से लगभग 1000 लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए ।
संस्थान के कर्मचारियों द्वारा वरसोवा समुद्र तट तक मार्च आयोजित किया गया। इस मार्च और अभियान का आयोजन डा विद्या श्री भारती, डा कुंदन कुमार और डा मुजाहिद खान पठान ने किया। सबने प्रातः १०:०० बजे न्यू कैंपस से शुरुआत की और अपने बैनर, स्लोगन और पोस्टर के साथ समुद्र तट तक 1 km मार्च किया। स्लोगन और पोस्टर द्वारा स्वच्छता के महत्व की बात लोगों तक पहुंचाई। कें. मा. शि. संस्थान के कर्मचारियों ने वरसोवा तट पर सफाई अभियान चलाया और इस कार्यक्रम को सफल बनाया। सबने बड़ी मेहनत और उत्साह से प्लास्टिक बैग, बोतलें जैसा कूड़ा एकत्रित करके कूड़ेदानों में फेंका। इस मार्च में 20 लोगों ने भाग लिया और रास्ते और बीच पर लगभग 500 लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए ।
संस्थान के पास स्थित बस्ती में रहने वाले छात्रों के लिए स्वच्छता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता रखी गयी। इस प्रतियोगिता का आयोजन डा मेघा बेडेकर, डा किरण रसाल और श्रीमती रेशमा राजे की देखरेख में हुई। इस स्वच्छता अभियान में प्रतिभोगियों और उनके परिवार जनों को अपने घरो में शुष्क और गीले अपशिष्ट अलग करने की सलाह दी और बताया गया कि प्लास्टिक पुनर्चक्रण के लिए यह उनका बहुत बड़ा योगदान होगा। इस प्रतियोगिता में १० बच्चों ने भाग लिया और लगभग 60 बस्तीवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया । सभी बच्चों ने अपने चित्रों में इंद्रधनुषीय रंग बिखेर कर प्रतियोगिता को सफल बनाया ।
संस्थान के कोलकता केंद्र में २७ दिसंबर, 2020 को पूर्वाह्न 11 बजे स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तत्वावधान में प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का समन्वयन कोलकता कार्यालय के प्रभारी डा. जी. एच. पैलन और डा.दिलीप कुमार सिंह ने किया। डा. जी. एच. पैलन, डा. एन. पी. साहू (विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता), डा. एस. एन. ओझा और आमंत्रित वक्ताओं ने सभी प्रतिभागियों, किसानों, उद्यमियों, छात्रों को संबोधित किया और स्वच्छता अभियान एवं प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के बारे में सबको जानकारी दी। व्यर्थ समझे जाने वाली सामाग्री को कैसे उपयोगी बनाया जा सकता है और उपयोग किए गए जल का किस तरह पुनरूपयोग किया जा सकता है इसके बारे में भी चर्चा हुई।
संस्थान के छात्रों ने जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्वच्छता विषय पर इ-पोस्टर बनाये। 10 छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया । इसके साथ ही संस्थान के छात्रों और कर्मचारियों के बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रमों का आयोजन डॉ मेघा बेडेकर, डॉ ए. के. वर्मा, डॉ बाबिता रानी एवं डॉ किरण रसाल ने किया। चित्रकला प्रतियोगिता में लगभग २५ बच्चों ने प्रत्यश एवं ऑनलाइन माध्यमों से भाग लिया और संस्थान के निदेशक डॉ गोपाल कृष्णा एवं पखवाड़ा समन्वयक डॉ अपर्णा चौधरी ने उनका उत्साहवर्धन किया। सभी प्रतियोगियों ने सुन्दर रंगो और चित्रों द्वारा इस प्रतियोगिता को सफल बनाया।
संस्थान में गीले अपशिष्ट से खाद बनाने का प्रबंधन किया गया जिसमे पत्ते और रसोई के कचरे के अवशेषों के साथ-साथ बागवानी उद्यान को अलग से एकत्र किया गया। इसके लिए लगभग डेढ़ मीटर गहरे गड्ढे खोदकर खाद तैयार का प्रबंध किया गया । स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान हमारे परिसर में खाद के लिए लगभग 500 किलोग्राम गीला कचरा परतों में डाला गया। इस अभियान द्वारा भविष्य में परिसर स्थित सभी पेड़ो को पौष्टिक खाद मिलेगी। इस अभियान का नेतृत्व डा. एम. एच. चंद्रकांत और श्री प्रणय बिस्वाल ने किया।
संस्थान के कोलकता केंद्र में सफाई अभियान किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन डा. एस. मुनील कुमार और श्री. राजेश महतो ने किया। इस कार्यक्रम में कोलकता केंद्र के मछली संग्रहालय को और मछली के नमूने वाले सभी जार को अच्छी तरह से साफ किया गया। मछली के नमूने के संरक्षण के लिए जार को औपचारिक रूप से भरा गया। इसके साथ ही पवारखेड़ा, केंद्र के परिसर को हरित व आकर्षक बनाने हेतु वृक्षारोपण का आयोजन किया गया। इसका आयोजन केंद्र के प्रभारी डा. सुनील कुमार नायक ने किया। जिसमे सभी कर्मचारियों ने भाग लिया और फूलों, फलो के पौधों का रोपण किया। संस्थान के अन्य केंद्रों पर भी प्रभारी अधिकारियों ने वृक्षारोपण किया।
स्वच्छता पखवाड़ा के समापन समारोह पर संस्थान के निदेशक डॉ गोपाल कृष्णा ने कर्मचारियों एवं छात्रों को सम्भोदित किया और स्वच्छता की मुहिम को जीवन का हिस्सा बनाने पर ज़ोर दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सबके योगदान को सराहा। पखवाड़े की समन्वयक डॉ अपर्णा चौधरी ने सभी आयोजकों को समय पर विवरण व छायाचित्र भेजने के लिए धन्यवाद दिया। उनहोंने पुनः सबको याद दिलाया कि प्लास्टिक व किसी भी प्रकार के कूड़े का सृजन न्यूनतम रखने पर ध्यान दें। इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया, और सरका और अशोका पेड़ों के पौधे लगाए गए। इसका नेतृत्व डा. चंद्रकांत और श्री प्रणय बिस्वाल ने किया।
संस्थान के निदेशक डा. एन. पी. साहू जी ने एकत्रित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वच्छता की प्रतिज्ञा दिलाई, इसके बाद कार्यालय तथा परिसर में सफाई के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा की गई। उन्होनें इस बात पे ज़ोर दिया कि निवासो और छात्रावासों में शुष्क और गीले अपशिष्टों को पृथक रखने का सिलसिला जारी रखा जाये और प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम किया जाए। इसके अतिरिक कार्यालय की पुरानी फाइले जो अब कम की नहीं रही उनको वीड आउट करके जगह बनाई जाए। उन्होंने प्रशासनिक और वित्त विभाग अधिकारीयों को इसमें पहल लेने को कहा। संस्थान के पांच केन्द्रों के अधिकारीयों ने कर्मचारियों और छात्रों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर परिसर स्वच्छता के बैनर लगाए गए। स्वच्छता पखवाड़े के महत्व को प्रदर्शित करने वाले सूचनात्मक प्लेकार्ड और बैनर उचित स्थानों पर रखे गए थे।
संस्थान के प्रशासनिक विभाग में सफाई अभियान का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व श्री. के एल. मीना (मुख्य प्रशासनिक अधिकारी), श्रीमती पूनम बहल (प्रशासनिक अधिकारी), श्री. एस. वी. कसाबे (वित्त एवं लेखा अधिकारी), श्री. दिपक भोकसे (सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी) ने किया। साथ ही सभी वर्क्स अनुभाग, खरीदारी अनुभाग, वित्त अनुभाग, लेखा परीक्षा अनुभाग के सारे कर्मचारियों ने भी इसमें अपना सहयोग दिया और अपने अपने कार्य क्षेत्र की सफाई की। कार्यालय की पुरानी फाइले जो अब काम की नहीं रही उनको वीड आउट करके जगह बनाने की प्रक्रिया आरम्भ की और सभी ने अपनी मेज़ें और आसपास की जगह साफ़ की और फाइलों का निपटारा कर के रख रखाव उचित ढंग से किया। व्यर्थ सामान को भी अलग जगह एकत्रित किया गया। अब ऑफिस का सारा कार्य ई - ऑफिस प्लेटफार्म पर किया जाता है, जिसके कारण कागज़ और प्रिंटिंग की ज़रुरत कम हो गयी है।
संस्थान के समस्त विभागों (मत्स्य पालन, मात्स्यिकी संसाधन हार्वेस्ट एंड पोस्ट हार्वेस्ट डिवीजन, मछली पोषण, जैव रसायन और शरीर क्रिया विज्ञान प्रभाग, मछली आनुवंशिकी और जैव प्रौद्योगिकी प्रभाग, जलीय पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रभाग) की प्रयोगशालाओं में सफाई अभियान चलाया गया इस में अनुभाग के सारे कर्मचारियों और छात्रों ने अपना सहयोग दिया। छात्रों ने अपनी मेज़ें और आसपास की जगह, रसायनों की बोतले और उपकरणों को साफ़ करके उनका रख रखाव उचित ढंग से किया। व्यर्थ सामान को भी अलग जगह एकत्रित किया गया जिससे कामकाजी जगह उपलब्ध हो पायी। उपयोग किये हुए प्लास्टिक उपकरणों को प्लास्टिक पुनरावृत्ति के लिए रखा गया। विभागाध्यक्षों के मार्गदर्शन में इस अभियान का नेतृत्व डा. टिन्सी वर्घीस, डा. जीना के., डा. किरण रसाल, डा. शामना एन, और डा. कपिल सुखदाने ने किया।
संस्थान के प्रशासनिक विभाग में सफाई अभियान का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व श्री. के एल. मीना (मुख्य प्रशासनिक अधिकारी), श्रीमती पूनम बहल (प्रशासनिक अधिकारी), श्री. एस. वी. कसाबे (वित्त एवं लेखा अधिकारी), श्री. दिपक भोकसे (सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी) ने किया। साथ ही सभी वर्क्स अनुभाग, खरीदारी अनुभाग, वित्त अनुभाग, लेखा परीक्षा अनुभाग के सारे कर्मचारियों ने भी इसमें अपना सहयोग दिया और अपने अपने कार्य क्षेत्र की सफाई की। कार्यालय की पुरानी फाइले जो अब काम की नहीं रही उनको वीड आउट करके जगह बनाने की प्रक्रिया आरम्भ की और सभी ने अपनी मेज़ें और आसपास की जगह साफ़ की और फाइलों का निपटारा कर के रख रखाव उचित ढंग से किया। व्यर्थ सामान को भी अलग जगह एकत्रित किया गया। अब ऑफिस का सारा कार्य ई - ऑफिस प्लेटफार्म पर किया जाता है, जिसके कारण कागज़ और प्रिंटिंग की ज़रुरत कम हो गयी है।
संस्थान स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत वरसोवा लैंडिंग सेंटर पर मार्च पास्ट एवं सफाई अभियान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के पीएचडी और मास्टर छात्रों ने भाग लिया। सबने प्रातः 07:15 बजे वर्सोवा गांव के प्रवेश द्वार से शुरुआत की और अपने बैनर, स्लोगन और पोस्टर के साथ वरसोवा लैंडिंग सेंटर तक मार्च किया। इस अभियान में 50 छात्रों ने भाग लिया। स्वच्छता मार्च के दौरान छात्रों ने हिंदी और मराठी में विभिन्न नारों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की। सभी ने लैंडिंग सेंटर पर सफाई करके परिसर को स्वच्छ बनया। इस कार्यक्रम का संचालन डा करणकुमार रामटेके, डा. शिवाजी अरगड़े, श्री. लेनिन सिंह और डा. पवन कुमार ने किया और सभी छात्रों ने अपना योगदान दिया।
केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान की अत्यंत ही महत्वपूर्ण जलकृषि हैचरी / वेट लैब में स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसमें लगभग ७० छात्रों एवं वैज्ञानिकों ने भाग लिया। सबने बड़ी मेहनत और उत्साह से सूखे पत्ते, टूटी और अनुपयोगी सामाग्री, पानी का जमाव, आदि साफ़ किया। इस अभियान का नेतृत्व डा. एम. एच. चंद्रकांत, डा. सिकेंद्र कुमार, टिन्सी वर्घीस, डा. किरण रसाल ने किया। इस अभियान में सारे छात्रों ने अपने योगदान से प्रयोगशाला की सफाई में चारचांद लगा दिए।
स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई द्वारा वर्सोवा वेलफेयर स्कूल में आयोजित व्याख्यान में कक्षा 8 के 50 छात्रों ने 22 दिसंबर, 2021 को भाग लिया। डा. एम गोस्वामी, प्रधान वैज्ञानिक और डा पारोमिता सावंत, प्रधान वैज्ञानिक, के. मा. शि. सं, मुंबई द्वारा समुद्र और जल प्रदूषण और स्वच्छता पहल के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया गया। छात्रों ने व्याख्यान का आनंद लिया और सक्रिय रूप से बातचीत की। उन्होंने स्वच्छता, रखरखाव और समुद्र तटों को प्रदूषण से बचाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। वे स्वच्छता और प्रदूषण से बचने के उपायों का संदेश देंगे और उन्होंने स्वच्छता अभियान में भाग लेने और दूसरों को जागरूक करने का वादा किया।
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 23 दिसंबर 2021 को पूर्वाह्न 11:30 बजे केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई में किसान दिवस पर जल प्रबंधन पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे संस्थान के सभी कर्मचारियों, छात्रों ने भाग लिया और केन्द्रो पर किसानों को भी शामिल किया गया। कार्यशाला के आरम्भ में संस्थान के निदेशक डा. एन पी. साहू ने किसान दिवस के महत्व से सबको अवगत कराया। उन्होंने जलसंरक्षण और मृदा की पौष्टिकता को कायम रखने पर ज़ोर दिया और जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु सरकार के संकल्प के बारे में सब को बताया। डा. के. के. कृष्णनी, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा 'अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण' (Waste water recycling) और डा. सुनील के. नायक द्वारा 'एक्वापोनिक्स एंड रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम: एक्वाकल्चर में जल बजट विकल्प' (Aquaponics and Re-circulatory Aquaculture System: Water budgeting options in aquaculture) पर व्याख्यान दिए गए। कोलकता केंद्र के प्रभारी अधिकारी, डॉ जी. एच. पाइलन ने स्थानीय कार्यक्रम के तहत शस्य श्यामला KVK, सोनारपुर दक्षिण २४ परगना, पश्चिम बंगाल में भी एक वर्कशॉप का आयोजन किया। डा. अपर्णा चौधरी, नोडल अफसर ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबको धन्यवाद दिया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. संस्थान के यारी रोड परिसर के जलपान गृह और तहखाने में सफाई अभियान किया गया। इस अभियान का नेतृत्व डा. के. पानी प्रसाद और डा. एम एच चंद्रकांत, श्री प्रणय बिस्वाल ने किया और जलपान गृह के कर्मचारियों ने भी इसमें भाग लिया। इस अभियान में जलपान गृह और आस पास का परिसर भी साफ़ किया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. संस्थान में छात्रों के लिए ऑनलाइन पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता और कर्मचारियों के बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में पोस्टर मेकिंग के लिए १. सदाबहार क्रांति/शून्य उत्सर्जन २. प्राकृतिक खेती विषय रखे गए और चित्रकला प्रतियोगिता उम्र ११-१५ के लिए १. जलवायु परिवर्तन २. प्लास्टिक प्रदूषण, उम्र ७-१० के लिए १. स्वच्छ भारत मिशन २. प्लास्टिक प्रदूषण उम्र ७-१० के लिए १. स्वच्छ भारत मिशन २. जल संरक्षण उम्र ३-६ के लिए १. प्रकृति इस तरह थे। सभी बच्चों ने अपने चित्रों में इंद्रधनुषीय रंग बिखेर कर और पोस्टर पोस्टर में अपने विचार रख कर प्रतियोगिता को सफल बनाया। हर श्रेणी में लगभग १० प्रतिभागियों ने भाग लिया और पहले तीन को पुरस्कृत किया गया। यह प्रतियोगिता का आयोजन डा. मेघा बेडेकर, डा. विद्याश्री भारती, डा. नेहा कुरेशी, श्रीमती रेखा नायर के देखरेख में हुआ।
संस्थान के पास स्थित बस्ती में रहने वाले छात्रों के लिए स्वच्छता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता रखी गयी। इस प्रतियोगिता का आयोजन डा मेघा बेडेकर, डा किरण रसाल और श्रीमती रेशमा राजे की देखरेख में हुई। इस स्वच्छता अभियान में प्रतिभोगियों और उनके परिवार जनों को अपने घरो में शुष्क और गीले अपशिष्ट अलग करने की सलाह दी और बताया गया कि प्लास्टिक पुनर्चक्रण के लिए यह उनका बहुत बड़ा योगदान होगा। इस प्रतियोगिता में १० बच्चों ने भाग लिया और लगभग 60 बस्तीवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया । सभी बच्चों ने अपने चित्रों में इंद्रधनुषीय रंग बिखेर कर प्रतियोगिता को सफल बनाया ।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. संस्थान के आसपास के परिसर में स्वच्छता अभियान किया गया। समन्वयको ने स्वच्छता के महत्व और कचरे को कम करने के तरीकों के बारे में सहकर्मियों को जागरूक किया। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि स्वच्छता सभी की ज़िम्मेदारी है। इस अभियान का नेतृत्व डा.एम एच चंद्रकांत और श्री. प्रणय बिस्वाल ने किया और उद्यान के कर्मचारियों ने भाग लिया।
संस्थान के छात्रों ने जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्वच्छता विषय पर इ-पोस्टर बनाये। 10 छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया । इसके साथ ही संस्थान के छात्रों और कर्मचारियों के बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रमों का आयोजन डॉ मेघा बेडेकर, डॉ ए. के. वर्मा, डॉ बाबिता रानी एवं डॉ किरण रसाल ने किया। चित्रकला प्रतियोगिता में लगभग २५ बच्चों ने प्रत्यश एवं ऑनलाइन माध्यमों से भाग लिया और संस्थान के निदेशक डॉ गोपाल कृष्णा एवं पखवाड़ा समन्वयक डॉ अपर्णा चौधरी ने उनका उत्साहवर्धन किया। सभी प्रतियोगियों ने सुन्दर रंगो और चित्रों द्वारा इस प्रतियोगिता को सफल बनाया।
स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत कें. मा. शि. संस्थान के कर्मचारियों और छात्रों ने वर्सोवा समुद्र तट तक मार्च किया और वहां सफाई भी की। संस्थान के निदेशक डा. एन. पी. साहू ने इस मार्च को झंडा दिखाया। मार्च करते समय पोस्टरों और स्लोगनों ने स्वच्छता के महत्व की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। सभी बच्चों ने वर्सोवा समुद्र तट की सफ़ाई की और कूड़ा नगरपालिका के कूड़े दानो में एकत्रित किया। इस अभियान का नेतृत्व डा. आशुतोष देव, डा. मनीष जयन्त, डा. जीना के. डा. एम. के. पठान एवं डा. किरण रसाल ने किया। एम.एफ.एस.सी. प्रथम वर्ष छात्रों ने इसमें भाग लिया।
कें. मा. शि. संस्थान में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत संस्थान के कर्मचारियों को प्लास्टिक पुनरावृत्ति के लिए प्लास्टिक जमा करने का अभियान चलाया गया। सभी कर्मचारियों को घर में निरुपयोगी प्लास्टिक को एकत्रित करके जमा करने हेतु परिपत्र निकला गया गया। कुल १४२ kg प्लास्टिक जमा हुआ जिसे पुनरावृत्ति (रीसाइक्लिंग) के लिए संपूर्ण अर्थ फाउंडेशन को दिया गया। सबसे ज्यादा प्लास्टिक जमा करने वाले कर्मचारियों को पारितोषिक दिए गए। इस अभियान का नेतृत्व डा. अपर्णा चौधरी ने किया।
कें. मा. शि. संस्थान में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत संस्थान के परिसर को हरित व आकर्षक बनाने हेतु पखवाड़े के अंतिम दिवस पर वृक्षारोपण का आयोजन किया गया और फूलों एवं फलो के पेड़ लगाए गए। डा. चंद्रकांत और श्री प्रणय बिस्वाल ने संस्थान के निदेशक डा. एन. पी. साहू एवं अन्य वैज्ञानिकों एवं अधिकारीयों से वृक्षारोपण करवाया। इसके साथ ही कोलकाता, केंद्र के परिसर मे वृक्षारोपण का आयोजन किया गया। इसका आयोजन केंद्र के प्रभारी डा. जी. एच. पैलन ने किया। जिसमे सभी कर्मचारियों ने भाग लिया और फूलों, फलो के पौधों का रोपण किया। संस्थान के अन्य केंद्रों पर भी प्रभारी अधिकारियों ने वृक्षारोपण किया। कुल १०० वृक्ष लगाए गए। स्वच्छता पखवाड़े के अंतिम दिवस पर निदेशक महोदय ने सभी से स्वच्छता का कार्य कायम रखने का सन्देश दिया। डा. अपर्णा चौधरी ने निदेशक और CIFE परिवार के सभी सदस्यों को अपने योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
स्वच्छता पखवाड़ा (16-12 2024 से 31-12 2024) के तहत स्वच्छता शपथ 16 दिसंबर 2024 को डॉ. एन.पी. साहू, संयुक्त निदेशक, आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई के द्वारा दिलाई गई। सीआईएफई के सभी कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया। संस्थान को साफ सुथरा बनाने की शपथ दिलाई गई। आईसीएआर-सीआईएफई केंद्र में दिनांक 16-12-2024 को स्वच्छता शपथ दिलाई गई ।
आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई के सेवन बंगलोज कैंपस में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र में 17 दिसंबर 2024 को स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डेस्कटॉप, कीबोर्ड और माउस को धूल से साफ किया गया था। जिन कंप्यूटरों को सर्विसिंग की आवश्यकता थी, उन्हें साफ करने के बाद अलग कर दिया गया और एक अलग कमरे में ले जाया गया। मछली प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।
'स्वच्छता पखवाड़ा चरण-2' (16.12.2024 से 31.12.2024) के तहत, आईसीएआर-सीआईएफई के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुस्तकालय परिसर और आसपास के उद्यान क्षेत्रों को साफ करने के लिए एक अभियान चलाया। नोडल अधिकारी (डॉ. सिकेंद्र कुमार) के कुशल नेतृत्व में, वर्क्स और एस्टेट अनुभागों के श्रम कर्मचारियों ने पुस्तकालय अनुभाग (श्री मोहम्मद बाकर और श्री महेश वाघेला) के कर्मचारियों के पूरे दिल से सहयोग के साथ यह सुनिश्चित किया कि अभियान पूर्णतः सफल रहा ।
स्वच्छता पखवाड़ा (16-31 दिसंबर 2024) के तहत आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई के इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में स्वच्छता अभियान 19 दिसंबर 2024 को आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन डॉ. देबजीत सरमा, डॉ. ए.के. वर्मा डॉ. जीना, और सीआईएफई, मुंबई के अन्य कर्मचारी ने किया। इनडोर खेल परिसर को साफ-सुथरा बनाया गया तथा सारा कूड़ा-कचरा एकत्र कर कूड़ेदान में रखा गया।
आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 20 दिसंबर, 2024 को बॉयज़ हॉस्टल सीआईएफई सेवन बंगला परिसर में सफाई का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में सीआईएफई के छात्रों और कर्मचारियों ने भाग लिया। छात्रावास को साफ सुथरा बनाने के लिए सारा कचरा बैग में एकत्रित किया गया है।
आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 21 दिसंबर 2024 को सात बंगला मछली बाजार मुंबई में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में सीआईएफई स्टाफ और छात्रों ने भाग लिया। सारा कूड़ा एकत्र कर थैले में रखा गया।
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 22 दिसम्बर, 2024 को आईसीएआर-सीआईएफई में स्वच्छता अभियान आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का समन्वय वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कुंदन कुमार ने किया। कार्यालय परिसर को अंदर से बाहर तक साफ किया गया था, और सभी कचरा और प्लास्टिक एकत्र किए गए थे और कचरे के संग्रह बैग में रखा गया था। परिसर को साफ-सुथरा बनाने के लिए जागरूकता पैदा की गई।
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 23 दिसंबर, 2024 को आईसीएआर-सीआईएफ कोलकाता, काकीनाडा और रोहतक केंद्रों पर किसान दिवस मनाया गया। संवादात्मक कार्यक्रम स्वच्छता बनाए रखने के लिए व्यावहारिक समाधान और सर्वोत्तम प्रथाओं पर केंद्रित थे। इस अभियान का समन्वय डॉ. टी. के. घोषाल, ओआईसी सीआईएफई, कोलकाता सेंटर, डॉ. मुरली पी. एंडे, ओआईसी, सीआईएफई, काकीनाडा सेंटर और डॉ. मुजाहिद, ओआईसी, सीआईएफई, रोहतक सेंटर और संबंधित केंद्र के अन्य कर्मचारियों ने किया। कार्यक्रम में एक मूल्यवान उत्पाद के रूप में कचरे के उपयोग और कचरे को कम करने के बारे में जागरूकता पैदा की गई। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के 40 मछली किसानों ने भाग लिया।
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 24.12.2024 को आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई के गेस्ट हाउस में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। सीआईएफई स्टाफ ने सफाई में भाग लिया। गेस्ट हाउस को अंदर से बाहर तक साफ किया गया और सभी अवांछित सामग्री, धूल और कूड़ा-कचरा इकट्ठा करके कचरा डिब्बा में इकट्ठा करके रख दिया गया।
आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई ने 16-31 दिसंबर 2024 केन्द्रीय जलमय प्रयोगशाला एवं हैचरी, सीआईएफई के पुराना परिसर में एक स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के संकाय और एमएफएससी और पीएचडी के छात्रों ने भाग लिया। सुबह दस बजे सफाई अभियान शुरू हुआ और इस स्वच्छता अभियान के दौरान जलमय प्रयोगशाला एवं हैचरी के अंदर और बाहर दोनों तरफ सफाई की गई तथा सभी प्रायोगिक टैंक और सहायक उपकरण को व्यवस्थित किया गया। इस अभियान का समन्वय सौरव कुमारकेन्द्रीय जलमय प्रयोगशाला प्रभारी एवं डॉ. सिकंदर कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक, नोडल अधिकारी स्वच्छता अभियान सीआईएफई, मुंबई और एमएफएससी और पीएचडी के छात्र द्वारा किया गया ।
26.12.2024 को सुबह 8.30 बजे से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-सीआईएफई के बालिका छात्रावास परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। सभी छात्र और कर्मचारियों ने स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया है। इस अभियान के दौरान छात्रावासों में और उसके आसपास पड़े कई अवांछित वस्तुओं को हटा दिया गया। सफाई अभियान में छात्रावास के लॉन, गलियारों और अन्य सामान्य क्षेत्रों के सभी क्षेत्रों को कवर किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक और वार्डन डॉ. इबेमचा चानू, डिप्टी वार्डन डॉ.नसी वर्गीज और कार्यवाहक श्री अंकुश जॉयशी ने इन गतिविधियों का समन्वय किया। सफाई अभियान सफल रहा और इसके उद्देश्य पूरे हुए। छात्रावास में रहने और अध्ययन करने के लिए अब साफ और अधिक स्वच्छ है। वार्डन ने सभी छात्रों के प्रयासों की सराहना की ।
स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत दिनांक 27.12.2024 को एईएचएम प्रभाग, आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई में स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। एईएचएम प्रभाग के सभी कर्मचारियों और छात्रों ने प्रभाग की प्रयोगशालाओं की सफाई में भाग लिया। प्रयोगशालाओं को अंदर से बाहर तक साफ किया गया और सभी अवांछित सामग्रियों को एकत्र करके कूड़े की थैलियों में रखा गया।
28 दिसंबर 2024 को सुबह 8:00 बजे मुंबई के वर्सोवा बीच पर स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एम.एफ.एससी.और पीएच.डी. की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। अभियान का समन्वयन डॉ. अरुण शर्मा, श्री लेनिन एंगोम, डॉ. पवन कुमार और श्री नीतीश सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने प्रतिभागियों को एक सुव्यवस्थित और प्रभावशाली सफाई प्रयास सुनिश्चित करने के लिए कुशलतापूर्वक मार्गदर्शन किया। गतिविधि का ध्यान समुद्र तट की स्वच्छता बढ़ाने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए समुद्र तट से प्लास्टिक कचरे, मलबे और अन्य प्रदूषकों को हटाने पर था। प्राकृतिक संसाधनों को बनाए रखने और संरक्षित करने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व को प्रदर्शित करते हुए, स्थानीय निवासी सक्रिय रूप से इस पहल में शामिल हुए। सहयोगात्मक प्रयास ने स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाने के लक्ष्यों पर जोर दिया। आईसीएआर-सीआईएफई में स्वच्छता अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. सिकंदर कुमार को उनके अटूट समर्थन और नेतृत्व के लिए और बीएमसी स्टाफ को विशेष धन्यवाद दिया गया, जिनकी सहायता अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण थी।
स्वच्छता पखवाड़ा के तहत 29 दिसंबर 2024 को बॉयज़ हॉस्टल, आईसीएआर-सीआईएफई, यारी रोड परिसर, मुंबई में स्वच्छता अभियान आयोजित किया गया था जिसमें आईसीएआर-सीआईएफई के सभी पीएचडी छात्रों और कर्मचारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। स्वच्छता अभियान का समन्वय डॉ. प्रेम कुमार, वार्डन, श्री जीबी कांबले, डॉ. सिकेंद्र कुमार, नोडल अधिकारी, स्वच्छता अभियान द्वारा किया गया। छात्रावास परिसर की अंदर से बाहर तक साफ-सफाई की गई।
स्वच्छता अभियान के हिस्से के रूप में आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई ने कर्मचारियों और बच्चों के लिए एक वॉकथॉन और दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शारीरिक फिटनेस, स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना था। कैंपस के कुल 15 बच्चे, जो 3-6; 6-12 वर्ष के आयु वर्ग के थे, ने दौड़ प्रतियोगिता में सक्रिय रूप से भाग लिया। 10 कर्मचारी सदस्य वॉकथॉन प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे। डॉ मुकुंद गोस्वामी, श्री जितेंद्र खन्ना, डॉ जीना के, डॉ मनीष जयंत, श्री विजय कुवेस्कर और श्री अविनाश साबल ने इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समन्वय किया। दौड़ और वॉकथॉन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
स्वच्छता अभियान का नेतृत्व डॉ. आशुतोष डी. देव, परीक्षा नियंत्रक, आईसीएआर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एजुकेशन, मुंबई ने सभी स्टाफ सदस्यों की भागीदारी के साथ किया। स्वच्छता अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए। परीक्षा नियंत्रक एवं डॉ. जीना के., श्री सुमित सिंह फर्त्याल, सुश्री वैशाली दानी, श्री मंगेश सहित कर्मचारी एलेसा और श्री मंगेश शेल्के ने कमरों, रैकों, अलमारियाँ, खिड़कियों आदि की सफाई की ।