विवरण

भा.कृ.अनु.प. - केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान एक शीर्षस्थ मात्स्यिकी विश्वविद्यालय है । मात्स्यिकी के क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय की बहुत बडी उपलब्धियां रही हैं । इसने कई विद्वान, वैज्ञानिक और नेतृत्वकर्ता दिए हैं । अपनी स्थापना के इन 56 वर्षों के काल में के. मा. शि. सं. ने मात्स्यिकी विज्ञान और इससे सम्बध्द अन्य विषयों के उच्चतर अध्ययन में उत्कृष्टता के एक केन्द्र के रऎप में उभरकर सामने आया है । यह संस्थान कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत खाद्य एवं कृषि संगठन (एफए़ओ़) एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यउा्रऎम (यू.एन.डी.पी.) के सहयोग से 6 जून 1961 को स्थापित किया गया तथा 16 अप्रैल 1979 को यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा. क़ृ. अ़नु. प़.) के नियंत्रण में गया । इसके बाद शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार को शामिल करने के लिए इसके क्षेत्र और अधिदेश को बढा दिया गया ।

मात्स्यिकी क्षेत्र के अंतर्गत मानव संसाधन विकास में के मा शि सं. के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए इसे 29 मार्च 1989 को समतुल्य विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया । अपने इस नये दर्जे से प्रेरित होकर संस्थान ने उत्तरोत्तर प्रगति की । 1961 के बाद से राज्य मात्स्यिकी विस्तार और विकास के 4000 कार्मिकों का निर्माण संस्थान की योग्यता को प्रदर्शित करता है । अपने स्थापना काल (1961) से ही के मा शि सं का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना रहा है । वर्तमान में के मा शि सं ज्ञान के एक शक्तिस्त्रोत और मात्स्यिकी शिक्षा के क्षेत्र में एक ब्रांड के रऎप में जाना जाता है ।

के. मा. शि. सं. वर्तमान में सर्वसुविधायुक्त नये परिसर में स्थित है और अपने अधिकाधिक उन्नत भविष्य के प्रति आशान्वित है । देश का एक प्रमुख विश्वविद्यालय होने के कारण के मा शि सं अपने शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यों में सदैव नवोन्मेषी होने का प्रयास करता है ताकि इसमें अध्ययनरत सभी छात्र अपने विषय में महारत हासिल कर सकें । के मा शि सं ने शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता का वातावरण तैयार किया है जिसके कारण यहां आकर अध्ययन करना छात्रों की पहली प्राथमिकता होती है । विषयों का विस्तृतिकरण और आनुषांगिक संस्थानों का आपस में सहयोग होने के कारण यहां छात्रों को अवसर मिलता है कि वे अपने विषय और विभाग के क्षेत्र से बाहर जाकर भी अपने ज्ञान को बढा़ते हुए, ज्ञान के नये क्षितिज तलाश कर सकें ।


  • अधिदेश

    CIFE envisions being a world-class organisation providing leadership in Fisheries education and research especially in the Asia-Pacific region with professionalism and excellence as its core values.
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  • प्रशासन

    केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक आनुषांगिक इकाई है । भा. कृ. अनु.प., समिति पंजीकरण अधिनियम (1860 का अधिनियम 21) के तहत पंजीकृत एक समिति है ।
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  • परिसर

    विश्वविद्यालय के मुम्बई स्थित दो परिसर है, एक यारी रोड पर एवं दूसरा सात बंगला के समीप । यारी रोड स्थित चार मंजिला परिसर, जिसमें वाहनों हेतु तहखाना भी है, विश्वविद्यालय का नवीन केन्द्र है ।
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  • इतिहास

    केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (समतुल्य विश्वविद्यालय), पांच दशकों की अपनी गौरवपूर्ण यात्रा में भारतवर्ष में मत्स्य शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान बनकर उभरा है ।
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  • सम्मान एवं पुरस्कार

    CIFE 's significant contributions in research by scientists as well as by students recieved number of honors and awards.
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  • संपर्क

    To get in touch with us please find contact information of offices from the list.
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